आखिर क्यों बंद हैं डीडीयू जंक्शन पर लगी आरो वाली मशीनें, कारण जानकर चौंक जाएंगे आप, हो रहा है यात्रियों के साथ बड़ा खेल

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रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर आरो मशीन लगवा कर 5 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से यात्रियों को सस्ते में शुद्ध पानी मुहैया कराने की सुविधा दे रखी है।

चंदौली जनपद के पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेलवे जंक्शन के प्लेटफार्म पर लगे आरो मशीन पूरी तरह से बंद है, जिससे राहगीरों को विशेष परेशानी हो रही है। यात्रियों को अवैध वेंडरों तथा स्टाल कर्मियों द्वारा चूना लगाया जा रहा है।

आपको बता दें कि सरकार ने रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर आरो मशीन लगवा कर 5 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से यात्रियों को सस्ते में शुद्ध पानी मुहैया कराने की सुविधा दे रखी है। लेकिन पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर जंक्शन के सभी प्लेटफार्म पर लगे आरो मशीनें शोपीस बनकर रह गयी हैं। आखिर क्यों लाखों रुपए के आरो मशीन को कबाड़ करके छोड़ दिया गया है।

सूत्रों की मानें तो यह आरो मशीन को इसलिए नहीं एक्टिव रखी जाती है क्योंकि इससे अवैध रूप से खानपान का सामान को बेचने वाले वेंडर एवं स्टालों पर 15 रुपए की बोतल को धड़ल्ले से 20 रुपए में बेचने की छूट मिल जाती है और कोई व्यवस्था न होने से यात्री को मजबूरी में पानी लेना भी पड़ता है। यही नहीं अवैध वेंडर भी पंडित दीनदयाल जंक्शन पर अपना कब्जा जमाए हुए हैं। जबकि गया रेल मंडल का मुख्यालय भी पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर जंक्शन पर है। सभी बड़े अधिकारी यहां मौजूद रहते है। उसके बाद भी अवैध वेंडरों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।

इस संबंध में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन के डीसीएम ने बताया कि आरो मशीन चलाने वाले फर्म का टेंडर समाप्त हो गया है। दूसरे फर्म के लिए टेंडर भी जारी कर दिया गया है, लेकिन अभी तक कोई संस्था इसे चलाने के लिए तैयार नहीं हो पा रही है। जिससे यह बंद पड़ा हुआ है। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद इसे पुनः क्रियाशील कर दिया जाएगा। आखिर सरकारी सिस्टम की क्या कमी है और किस कारण यह काम करने के लिए कोई ठेकेदार आगे नहीं आ रहा है। सरकारी महकमे की आरो मशीन के प्रति उदासीनता क्यों है..यह सब ऐसे कारण हैं, जिन्हें जानने व समझने की जरूरत है। जिससे प्लेटफार्म पर लगी आरो वाली मशीनें केवल हाथी के दिखाने वाले दांत के समान दिखाई दे रही हैं और खाने वाले दांत का काम अवैध वेंडर एवं स्टाल वालों द्वारा रहगीरों को मनमाने दाम में पानी बेचकर किया जा रहा है।

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